काशी में दक्षिण भारतीय परम्परा एवं संस्कृति की भी महक मिलती है। जिसकी झलक यहां की गलियों में घूमने पर मिलने वाले मठ, मंदिरों से हो जाती है। वाराणसी में कई सारे दक्षिण भारतीय मठ तो हैं ही वहीं कुछ मंदिर भी स्थापित हैं। दक्षिण भारतीय मंदिरों की बात करें तो अस्सी घाट से नगवां वाले मार्ग पर कुछ मीटर जाने पर दाहिनी ओर उडुपि श्री कृष्ण मध्व मंदिर है। चार मंजिला इस मंदिर में पहले तल पर हाल में काले रंग की बेहद ही आकर्षित करने वाली श्री कृष्ण की मूर्ति स्थापित है। बाकी तलों पर रहने की व्यवस्था की गयी है। यह मंदिर दक्षिण भारतीयों के लिए खास महत्व रखता है। काशी आने वाले ज्यादातर दक्षिण भारतीय इस मंदिर में आकर मत्था अवश्य टेकते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर में दर्शन-पूजन करने से जीवन में प्रसन्नता बनी रहती है। यह मंदिर दर्शनार्थियों के लिए प्रातः 6 से दोपहर 11 बजे तक एवं सायं 4 से रात 9 बजे तक खुला रहता है। वहीं आरती सुबह साढ़े 7 बजे एवं सायं साढ़े 6 बजे सम्पन्न होती है।