शिवाला घाट
अट्ठारहवीं शताब्दी में तत्कालीन काशी नरेश बलवन्त सिंह ने इस घाट का निर्माण कराया था, कालान्तर में यह घाट कई […]
अट्ठारहवीं शताब्दी में तत्कालीन काशी नरेश बलवन्त सिंह ने इस घाट का निर्माण कराया था, कालान्तर में यह घाट कई […]
इस घाट पर महानिर्वाणी सम्प्रदाय के नागा साधुओं का प्रसिद्ध अखाड़ा है। इसी के नाम से ही घाट का नामकरण
इस घाट पर नागा साधुओं का प्रसिद्ध निरंजनी अखाड़ा (B 3/155) है, सन 1897 में काशी नरेश ने इस अखाड़ा
घाट एवं घाट स्थित किले का निर्माण पूर्व काशी नरेश बलवन्त सिंह के द्वारा कराया गया था। घाट का नामकरण
पंचकोट (बंगाल) नरेश के द्वारा उन्नीसवीं शताब्दी के अन्तिम चरण में इस घाट का निर्माण करवाया गया। इसी कारण इसको
बीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में यह घाट अस्तित्व में आया, इसके पूर्व यह प्रभुघाट का एक भाग था। निषाद (मल्लाह)
अट्ठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में काशी के प्रमुख व्यापारी वच्छराज ने इस घाट का पक्का निर्माण करवाया था, जिसका उल्लेख
पूर्व में यह घाट कच्चा था और इसका नाम इमिलियाघाट था। सन् 1944 में माता आनन्दमयी ने अंग्रेजों से घाट