काशी में प्रवास के दौरान गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपने आराध्य हनुमान जी के कई मंदिरों की स्थापना की। जिसकी ऐतिहासिकता आज भी कायम है और ये मंदिर वर्तमान में लोगों की श्रद्धा के केन्द्र भी बने हुए हैं। काशी में गोस्वामी जी द्वारा स्थापित हनुमान मंदिरों में तुलसीघाट पर स्थित बाल हनुमान मंदिर महत्वपूर्ण है। यह मंदिर बिल्कुल गंगा जी के किनारे घाट के उपर है। दक्षिणामुखी हनुमान जी की इस मूर्ति को काफी जागृत माना जाता है। कहा जाता है कि तुलसी दास जी जब भदैनी पर रहकर भगवान भजन एवं अपनी रचनाओं को रच रहे थे। उसी समय हनुमान जी की प्रेरणा से तुलसीदास जी ने इस मंदिर की स्थापना की। तभी से बाल हनुमान जी का पूजन-अर्चन शुरू हो गया। हनुमान जयंती के अवसर पर बाल हनुमान जी का वार्षिक श्रृंगार किया जाता है। साथ ही अन्य त्यौहारों पर भी मंदिर में कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। इस मंदिर के महंत वर्तमान में प्रो0 विश्वमभरनाथ मिश्र हैं। इस मंदिर के उपरी तल पर राम-जानकी मंदिर है जिसकी स्थापना भी तुलसी दास जी ने ही की थी। इस मंदिर के पास ही एक कोने में तुलसीदास जी का चित्र लगाया गया है। यह वही स्थान है जहां तुलसीदास जी बैठते थे। यह मंदिर प्रातः 5 से दोपहर 12 बजे तक एवं शाम 3 से रात 10 बजे तक खुला रहता है। आरती सुबह साढ़े 5 बजे एवं रात साढ़े 8 बजे सम्पन्न होती है। यह मंदिर तुलसीघाट पर बी0 2/15 तुलसीघाट पर स्थापित है। कैंट स्टेशन से करीब 7 किलोमीटर दूर स्थित यह मंदिर अस्सी चौराहे से कुछ ही दूर स्थित है।