देवी का एक रूप चण्डी का भी है। मान्यताओं के अनुसार माँ चण्डी दुष्टों का संहार करती हैं। जिससे उनके भक्तों की रक्षा होती है। काशी में पूर्व में 9 चण्डी थीं लेकिन वर्तमान में 7 चण्डियों का स्थान ज्ञात है।
1 दुर्गा- दुर्गा का मन्दिर दुर्गाकुण्ड में स्थित है। इस मंदिर में हर समय दर्शनार्थियों की भीड़ लगी रहती है। अगस्त माह में 5 दिवसीय भव्य संगीत कार्यक्रम का आयोजन होता है। जिसमें प्रसिद्ध लोक गायक कलाकार मनोज तिवारी, मालिनी अवस्थी, महुआ बनर्जी समेत अन्य अपनी प्रस्तुति देते हैं। इस दौरान मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया जाता है।
2. अंगारेशी – अंगारेशी चण्डी का मंदिर काशी में स्थित है। यहाँ भी श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए आते रहते हैं।
3- भद्रकाली – भद्रकाली का मंदिर मध्यमेश्वर मंदिर के पास स्थित है।
4- भीमचण्डी – भीमचण्डी का मंदिर सदर बाजार क्षेत्र में स्थित है। इस मंदिर में भी दर्शन-पूजन करने के लिए श्रद्धालुओं की आवा-जाही लगी रहती है।
5- महामुण्डा – महामुण्डा देवी का मंदिर ऋणमोचन मंदिर के दक्षिण में स्थित है।
6- शांकरी – शांकरी देवी का मंदिर वरुणा संगम के पास है। यहां भी काफी संख्या में श्रद्धालु आते रहते हैं।
7- चित्रघण्टा – चित्रघण्टा देवी का मंदिर रानी कुंआ क्षेत्र में स्थित है।
एक और चण्डी जिनका उल्लेख है वह है शिखीचण्डी इनका मंदिर महालक्ष्मी के पास स्थित है।