वाराणसी के सर्वोच्च संचालक बाबा विश्वनाथ के मुख्य मंदिर के अलावा यहां उनका एक और मंदिर बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर में स्थित है जिसे नये विश्वनाथ जी या बिरला मंदिर कहा जाता है। मां सरस्वती के तपस्थली यानी बी0एच0यू0 में स्थापित नये विश्वनाथ जी के मंदिर में छात्रों के अलावा काशी दर्शन करने आने वाले ज्यादातर श्रद्धालु भी आते हैं। स्वच्छता, हरियाली और वृक्षों के बीच स्थित इस मंदिर का शिखर बहुत उंचा है। काफी बड़े परिसर में स्थित बिरला मंदिर दो मंजिला है इसका निर्माण संगमरमर के पत्थरों से किया गया है। इस मंदिर का निर्माण देश के जाने माने उद्योगपति बिरला घराने के राजा बिरला ने कराया है। शिव जी का यह भव्य मंदिर 1965 में बनकर तैयार हुआ। इस मंदिर की कल्पना बी0एच0यू0 के संस्थापक स्वयं पं0 मदन मोहन मालवीय जी की थी। जिसे मूर्त रूप दिया बिरला परिवार ने। मंदिर जितना बाहर से देखने में खूबसूरत लगता है उससे ज्यादा परिसर के भीतर की बनावट है। बी0एच0यू0 विश्वविद्यलय के मध्य में स्थित इस मंदिर का शिखर दूर से ही दिखाई देता है। बिरला मंदिर के चारो ओर हरा-भरा उद्यान है जिससे मंदिर की सुन्दरता में चार चांद लग जाता है। मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग स्थापित किया गया है। मंदिर परिसर में पंचमुखी शिव प्रतिमा, हनुमान जी की प्रतिमा, मां पार्वती एवं सरस्वती जी की प्रतिमा है। इसके अलावा नटराज की मूर्ति भी स्थापित है। मंदिर के दूसरे तल पर शिव जी की ध्यान की मुद्रा में स्थापित प्रतिमा है। इस प्रतिमा के दाहिनी ओर मां दुर्गा की प्रतिमा एवं बायीं ओर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा है। मंदिर प्रांगण में दाहिनी ओर यज्ञशाला स्थित है जिसके बगल में शिवलिंग को निहारती नंदी की प्रतिमा है। शिवरात्रि के दिन बी0एच0यू0 के कुलपति नये विश्वनाथ जी पहुंचकर जलाभिषेक कर दर्शन-पूजन करते हैं। इस मौके पर काफी संख्या में भक्त बिरला मंदिर पहुंचते हैं। यह मंदिर दर्शनार्थियों के लिए प्रातःकाल 4 से दोपहर 12 बजे तक फिर पुनः दोपहर 1 से रात 9 बजे तक मंदिर खुला रहता है। वहीं शिवरात्रि सहित बड़े त्यौहारों पर मंदिर सुबह 4 से रात 12 बजे तक खुला रहता है। मंदिर में आरती सुबह 4 बजे फिर पौन 5 बजे दिन में पौने 12 बजे फिर दोपहर 1 बजे शाम को पौने 7 बजे, साढ़े 7 बजे और पौने 9 बजे आरती होती है। वहीं, हर सोमवार को सुबह 7 से 8 बजे के बीच में बाबा का रूद्राभिषेक किया जाता है। कैंट स्टेशन से करीब 7 किलोमीटर दूर बी0एच0यू0 कैंपस में स्थित इस मंदिर तक ऑटो द्वारा पहुंचा जा सकता है।