राज घाट

सन् 1988 में राज्य सरकार के सहयोग से सिंचाई विभाग ने घाट के दक्षिणी भाग का पक्का निर्माण कराया था। प्राचीन समय में काशी के राजाओं का निवास स्थान इसी घाट के समीपवर्ती क्षेत्रों में था जिसके कारण घाट का नाम राजघाट पड़ा। शासन द्वारा महामना मदन मोहन मालवीय के नाम पर इस घाट का नाम परिवर्तित कर मालवीय घाट कर दिया गया परन्तु अब भी यह राजघाट के नाम से ही प्रचलित है। घाट के सामने गंगा में महिषासुर तीर्थ होने से कुछ लोग इसे महिषासुर घाट भी कहते हैं। राजघाट काशी के प्राचीनतम घाटों में से हैं जिसका उल्लेख् मौर्यकाल से ही मिलता है; संदर्भो के अनुसार गहड़वाल शासकों का महल यहीं था। घाट क्षेत्र में बद्रीनारायण, राम-जानकी, संत रविदास मंदिर एवं दो मठ स्थापित है, ऐसी मान्यता है कि संत रविदास ने काशी के इसी घाट पर अपना निवास स्थान बनाया था। घाट के समक्ष गंगा में महिषासुर, वामन, उद्दालक, दत्तात्रेय, नर-नारायण एवं यज्ञवराह तीर्थ की स्थिति मानी जाती है। घाट के उपरी भाग पर श्री सत्संग परिवार व्यायामशाला में नागपंचमी के दिन वृहत स्तर पर कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। घाट के समीप ही सड़क मार्ग पर लाल खाँ का मकबरा (अठ्ठारहवीं शताब्दी का) स्थित है, वर्तमान में यह पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है। साक्ष्यों के अनुसार प्राचीन समय में काशी का नगर क्षेत्र इसी घाट के आस-पास बसा था, इसके समीपवर्ती क्षेत्र धार्मिक-सांस्कृतिक एवं व्यापारिक केन्द्र थे। घाट पर डर्फिन ब्रिज का निर्माण हुआ है, यह अपने आप में विशिष्ट है यहाँ से काशी के सभी घाटों को देखा जा सकता है। शासन द्वारा इसका नाम परिवर्तित कर मालवीय पुल कर दिया गया परन्तु अब भी यह राजघाट पुल के नाम से ही प्रचलित है। पुल के समीप ही काशी रेलवे स्टेशन है। पुल रेल एवं सड़क यातायात की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है जो काशी को देश के पूर्वी भागों से जोड़ता है। प्राचीन समय के किला क्षेत्र में वर्तमान में बसन्त महिला महाविद्यालय स्थापित है। काशी में प्रत्येक वर्ष आयोजित दुर्गा पूजा, सरस्वती पमूजा, विश्वकर्मा पूजा एवं अन्य आराध्यों की पूजा के पश्चात उनकी प्रतिमा का विर्सजन इस घाट पर भी किया जाता है। वर्तमान में घाट का दक्षिणी भाग पक्का एवं उत्तरी भाग कच्चा है, यहाँ पर अधिक संख्या में दैनिक एवं स्थानीय स्नानार्थियों का आगमन होता है। घाट की स्वच्छता को बनाये रखने के लिये घाट तट पर शुलभ शौचालय का निर्माण कराया गया है।

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