देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी में देवी के दर्शन पूजन की परम्परा भी रही है। जिसमें कई देवियों की आराधना काशीवासी करते हैं। इसमें योगिनी प्रमुख हैं। काशी में चौसठ योगिनी हैं लेकिन वर्तमान में कुछ योगीनियों के स्थान ज्ञात हैं।
काशी में गजानना, हयग्रीवा, वाराही, मयूरी, विकटानना, विकट लोचना, काली, उर्ध्वद्रिका, शुकिका, तापिनी/तारा, शोषणदृष्टि, अट्टहास, कामाक्षी और मृगलोचना समेत 64 योगनियां थीं। काशी की 64 योगनियों में से 60 का सथान चौसट्टी घाट स्थित राणा महल में है। जहां वर्तमान में मात्र 5 योगिनियों की मूर्तियां ही शेष बची हैं।
‘वाराही’ योगिनी का स्थान काशी में मीर घाट पर है। भक्त यहां हर समय दर्शन-पूजन करने आते हैं।
‘मयूरी’ का मंदिर लक्ष्मीकुण्ड पर स्थित है। ‘शुकिका’ का मंदिर डौड़ियावीर स्थान पर है।
‘कामाक्षी’ योगिनी का मंदिर कमच्छा मुहल्ले में स्थित हैं।