वाराणसी के एक छोर पर प्रसिद्ध संकटमोचन हनुमान मंदिर स्थित है तो दूसरे छोर पर महावीर मंदिर। दोनों मंदिर श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमान जी के हैं। वाराणसी में वरूणा उस पार यानी अर्दली बाजार टकटकपुर में स्थित महावीर मंदिर भी स्थानीय लोगों के साथ दूर-दूर के भक्तों की आस्था का केन्द्र है। इस मंदिर में नियमित आस-पास के अलावा काफी दूर से भक्त मत्था टेकने आते हैं। मान्यता के अनुसार महावीर स्वामी के दर्शन से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं और भक्त का स्वास्थ्य बेहतर एवं धन सम्पदा से परिपूर्ण रहता है। महावीर स्वामी का यह मंदिर काफी बड़े परिसर में स्थित है। मंदिर परिसर के मध्य में महावीर स्वामी की प्रतिमा स्थापित है। कहा जाता है कि यह प्रतिमा काफी प्राचीन है। जिसे राजा अर्जुन ने यह मंदिर बनवा कर स्थापित किया था। इस मंदिर परिसर में ही राम-जानकी, लक्ष्मी नारायण, शीतला माता सहित शंकर जी की प्रतिमा है। परिसर में एक विशाल पीपल का वृक्ष पूरे मंदिर को आच्छादित किये हुए है। अक्सर लोग किसी मनौती के पूरा होने पर महावीर स्वामी को प्रसाद चढ़ाते हैं। इस मंदिर में बड़ा कार्यक्रम हनुमान जयंती के अवसर पर होता है। जयंती पर हनुमान जी की प्रतिमा का भव्य श्रृंगार किया जाता है। सिन्दूर और तिल के तेल को मिलाकर उनकी प्रतिमा पर लगाया जाता है। साथ ही सुगन्धित फूलों से पूरे मंदिर को सजाया जाता है। मंदिर में रामचरित मानस का संगीतमय पाठ भी आयोजित होता है। साथ ही भण्डारे का आयोजन भी होता है। वहीं, नवरात्र में भी मंदिर में उत्सवपूर्ण माहौल हो जाता है। इस पर्व पर मंदिर को बेहतरीन ढंग से सजाया जाता है। पूरे नवरात्र में दर्शनार्थियों का मंदिर में तांता लगा रहता है। इसके अलावा समय-समय पर भक्त हनुमान जी का श्रृंगार कराते रहते हैं। यह मंदिर प्रातःकाल 4 से दोपहर 12 बजे तक एवं सायंकाल 5 से रात 10 बजे तक खुला रहता है। नियमित रूप से आरती प्रातः पौने 5 बजे एवं रात 9 बजे सम्पन्न होती है। जबकि मंगलवार एवं शनिवार को रात की आरती 10 बजे सम्पन्न होती है। इस दिन काफी संख्या में भक्त महावीर स्वामी के दर्शन-पूजन के लिए पहुंचते हैं। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां सुबह की आरती के बाद नियमित रूप से मानस पाठ ढोल-मजीरे के साथ होता है। यही नहीं सायंकाल भी रोजाना भक्त भजन कीर्तन करते हैं। मंदिर परिसर में सुरक्षा की दृष्टि से कई जगह सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं। जिससे मंदिर की सुरक्षा पर पैनी निगाह रखी जाती है। महावीर मंदिर के वर्तमान पुजारी शैलेन्द्र द्विवेदी हैं जबकि सेवक के रूप में घनश्याम दास मिश्रा देखभाल करते हैं। कचहरी से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर टकटकपुर चौराहे पर यह मंदिर स्थित है।