महानिर्वाणीघाट

इस घाट पर महानिर्वाणी सम्प्रदाय के नागा साधुओं का प्रसिद्ध अखाड़ा है। इसी के नाम से ही घाट का नामकरण हुआ, बीसवीं शताब्दी के आरम्भ में अखाड़े की स्थापना हुई, पूर्व में यह चेतसिंह किले का एक भाग था। अखाड़े में तत्कालीन नेपाल नरेश द्वारा निर्मित चार शिव मंदिर हैं। साक्ष्य से प्रतीक होता है कि सातवीं शताब्दी के लगभग सांख्य दर्शन के आचार्य कपिल मुनि यहीं पर निवास करते थे। इस अखाड़े के पास ही मदर टरेसा द्वारा संचालित दीन-हीन संगति निवास है, जिसमें निसहाय, अपाहिज, कुष्ठ रोगों से पीड़ित लोगों का उपचार होता है। घाट के एक भाग में शहर का नाला गंगा में मिलता है जिसके कारण यहाँ स्नानार्थियों की उपस्थिति नहीं होती है। सन् 1988 में राज्य सरकार के सहयोग से सिंचाई विभाग द्वारा घाट के ऊपरी भाग का मरम्मत करवाया गया था।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top