काशी के कोतवाल कालभैरव ने इस नगरी की रक्षा के लिए 8 चौकियां स्थापित किया। जिनका अलग-अलग मंदिर काशी में स्थापित हैं। भैरव के इन्हीं महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक मंदिर है बटुक भैरव का। बटुक भैरव का प्रसिद्ध मंदिर कमच्छा मोहल्ले में स्थित है। काफी बड़े मंदिर परिसर में मुख्य द्वार से भीतर जाते ही बायीं ओर बटुक भैरव की दिव्य प्रतिमा स्थापित है। गर्भगृह के सामने एक हवन कुण्ड भी है। इस मंदिर परिसर में भैरव के वाहन कुत्ते काफी संख्या में रहते हैं। इस मंदिर में रविवार को काफी संख्या में श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए आते हैं। वहीं अन्य दिनों में भी भक्त बटुक भैरव का दर्शन करते रहते हैं। मान्यता के अनुसार बटुक भैरव के दर्शन से भय नहीं लगता और भक्त काशी में बिना किसी कष्ट के निवास करता है। इनका मंदिर सुबह 4 से दोपहर 1 बजे तक एवं सायं 4 से रात 12 बजे तक खुला रहता है। बटुक भैरव की आरती सुबह 6 बजे एवं सायं 7 बजे एवं शयन आरती रात 12 बजे सम्पन्न होती है। बटुक भैरव के मंदिर के पास ही कामाख्या देवी का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है।