उन्नीसवीं शताब्दी में छपरा (बिहार) के बबुआ पाण्डेय ने इस घाट का निर्माण कराया था, इसी कारण इसको पाण्डेय घाट के नाम से जाना जाता है। गीर्वाणपदमंजरी के अनुसार उन्नीसवीं शताब्दी के पूर्व इस घाट का नाम सर्वेश्वर घाट था, घाट पर स्थित सर्वेश्वर शिव मंदिर इसके पूर्व नाम को प्रमाणित करता है। इसके अतिरिक्त घाट तट पर सोमेश्वर शिव मंदिर भी स्थापित है। इस घाट पर धोबियों द्वारा कपड़ा धोने की प्राचीन परम्परा रही है। घाट क्षेत्र में ही बबुआ पाण्डेय द्वारा निर्मित व्यायामशाला भी है। घाट पक्का एवं स्वच्छ है किन्तु स्थानीय लोग ही यहाँ स्नान-कार्य करते हैं। सन् 1965 में राज्य सरकार के द्वारा घाट का पुनः निर्माण कराया गया था।