सन् 1988 में शुकाघाट के साथ ही इस घाट का भी पक्का निर्माण राज्य सरकार के सहयोग से सिंचाई विभाग ने कराया था। इस घाट पर नगर का प्राचीन नाला गंगा में मिलता था, जिससे यह लोगों के मध्य तेलियानाला नाम से प्रचलित हो गया। सन् 1988 में घाट के निर्माण के पश्चात सरकार द्वारा नाला को बन्द कर दिया गया। सवाई मान सिंह द्वितीय संग्रहालय जयपुर में काशी के घाट सम्बन्धित छाया चित्रों (17वीं-18वीं शताब्दी का) में इस घाट को भी दर्शाया गया है। घाट क्षेत्र में एक शिव मंदिर स्थापित है। वर्तमान में घाट पक्का एवं स्वच्छ है लेकिन यहाँ भी कम संख्या में लोग स्नान कार्य करते हैं, इस घाट पर भी धोबियों द्वारा कपड़ा साफ किया जाता है।