घाट के नामकरण के सम्बन्ध में मान्यता है कि घाट स्थित गली के चौमुहानी से संलग्न होने के कारण ही इसका नाम चौकी घाट पड़ा, जिसका एक मार्ग केदारेश्वर, दूसरा मानसरोवर, तीसरा सोनारपुरा और चौथा मार्ग घाट पर जाता है। उन्नीसवीं शताब्दी में कुमारस्वामी मठ के द्वारा घाट का निर्माण कराया गया था, घाट पर शिव एवं हनुमान मंदिर है, ऐसी मान्यता है कि हनुमान मंदिर में हनुमान मूर्ति की स्थापना स्वयं तुलसीदास जी ने की थी। घाट पर स्थानीय लोग ही स्नान आदि कार्य करते हैं, सन् 1988 में सिंचाई विभाग के द्वारा घाट का मरम्मत कराया गया था। स्थानीय लोगों की सुविधा के लिये घाट के उपरी तट पर सुलभ शौचालय निर्मित है तथा सिवेज पम्पिंग स्टेशन का भी निर्माण हुआ है।