अभय विनायक – सभी भयों से मुक्ति देने वाले अभय विनायक का मंदिर D 17/111, दशाश्वमेध घाट के बगल में स्थित है। दर्शनार्थी रिक्शा से इस मंदिर तक पहुँच सकते हैं। यह मंदिर दर्शन पूजन के लिए दिन भर खुला रहता है।
आर्क विनायक – आर्क विनायक का मंदिर 2/17 तुलसी घाट स्थित लोलार्क कुण्ड के पास विद्यमान है। रविवार को इनका दर्शन-पूजन करने का विशेष महत्व है।
आशा विनायक – आशा विनायक का मंदिर D-3/71 मीर घाट हनुमान मंदिर के पास स्थित है। इनके दर्शन-पूजन से सारी मनोकामनायें पूरी होती है। विश्वनाथ गली दशाश्वमेध घाट होते हुए यहां पहुंचा जा सकता है यह मंदिर सुबह सात बजे से दोपहर एक बजे तक और शाम को चार से रात 9 बजे तक खुला रहता है।
अविमुक्त विनायक – कुछ लोगों के अनुसार मूल अविमुक्त विनायक का मंदिर गायब हो चुका है। वहीं ज्ञानवापी मस्जिद के पास अविमुक्त विनायक का मंदिर है। बगल में ही विश्वेश्वर विश्वनाथ जी का मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि अविमुक्त विनायक सारी परेशानियों से मुक्ति देते हैं।
भीमचण्डी विनायक – भीमचण्डी विनायक का मंदिर पंचकोशी मार्ग में स्थित है। इनका मंदिर हर समय खुला रहता है।
चक्रदंत विनायक – चक्रदंत विनायक का मंदिर D 49/10 सनातन धर्म स्कूल नई सड़क के पास ही स्थित है। दर्शनार्थियों के लिए यह मंदिर हमेशा खुला रहता है।
चिन्तामणि विनायक – चिन्तामणि विनायक का मंदिर K 26/42 ईश्वर गंगी तालाब के पूरब स्थित है। लहुराबीर से रिक्शा के जरिए इस मंदिर तक पहुँचा जा सकता है। दर्शनार्थी किसी भी समय मंदिर में दर्शन-पूजन कर सकते हैं।
चित्रघण्ट विनायक – चित्रघण्ट विनायक का मंदिर CK 23/34 चित्र घण्टा देवी के पास स्थित है। यह मंदिर चौक में यूको बैंक के सामने गली में स्थित है दर्शनार्थी दिनभर कभी भी मंदिर में जाकर दर्शन-पूजन कर सकते हैं।
दंत हस्त विनायक – दन्त हस्त विनायक का मन्दिर K 58/101 बड़ा गणेश मंदिर के पास लोहटिया में स्थित है। यह मंदिर भोर में साढ़े चार बजे से रात साढ़े दस बजे तक खुला रहता है। प्रतिदिन मंगला आरती पौने पांच बजे सुबह व शाम की आरती रात साढ़े दस बजे होती है। बुधवार को मंदिर में विशेष आरती रात साढ़े ग्यारह बजे होती है।
देहली विनायक – देहली विनायक का मंदिर वाराणसी शहर से 20 किलो मीटर दूर गांव में स्थित है। यह मंदिर हर समय खुला रहता है।
दुर्ग विनायक – दुर्ग विनायक का मंदिर 27/1 दुर्गाकुण्ड के पीछे स्थित है। यह मंदिर सुबह पांच से दोपहर 12 बजे तक और शाम को चार से रात 10 बजे तक खुला रहता है। मंदिर में मंगला आरती सुबह पांच बजे और सन्ध्या आरती शाम सात बजे होती है।
दुर्मुख विनायक – दुर्मुख विनायक का मंदिर CK 34/60 काशी करवट मंदिर के पास स्थित है। चौक से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।
द्वार विनायक – द्वार विनायक का मंदिर स्वर्गद्वारेश्वर मणिकर्णिका घाट के पास स्थित है। यहां कभी भी दर्शन-पूजन किया जा सकता है।
द्विमुख विनायक – द्विमुख विनायक का मंदिर D 51/90 संबा आदित्य के पश्चिम सूरज कुण्ड के पास स्थित है।
एक दंत विनायक – एक दंत विनायक का मंदिर D-32/102 पुष्प दंतेश्वर बंगाली टोला में स्थित है। एक दंत विनायक काशी को बुरी शक्तियों से बचाते हैं।
गजकर्ण विनायक का मंदिर – CK 37/43, कोतवालपुरा ईशानेश्वर में स्थित हैं इस मंदिर में कभी भी दर्शन-पूजन कर सकते हैं।
गजविनायक – गज विनायक का मंदिर CK 54/44 राजा दरवाजा बड़ा भूतेश्वर मंदिर के पास स्थित है। चौक से रिक्शा या पैदल चलकर इस मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।
गणनाथ मंदिर – गणनाथ विनायक का मंदिर CK 37/1 ढंढ़ी राज गली विश्वेश्वर मंदिर के पास स्थित है। ज्ञानवापी से मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।
ज्ञान विनायक – ज्ञान विनायक का मंदिर खोवा गली चौराहा CK 28/4 लंगीलेश्वर मंदिर सुबह आठ से दस बजे तक और शाम छह बजे तक खुला रहता है।
ज्येष्ठ विनायक – ज्येष्ठ विनायक का मंदिर K 62/144 सप्तसागर मोहल्ला में स्थित है। मैदागिन से इस मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। यह मंदिर दर्शन पूजन के लिए सुबह साढ़े पांच बजे से दोपहर साढ़े 12 बजे तक और शाम पांच से रात साढ़े आठ बजे तक खुला रहता है।
काल विनायक – काल विनायक K 247/10 राम घाट पर स्थित है। चौक से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।
कलिप्रिय विनायक – कलिप्रिय विनायक का मंदिर D 10/50 साक्षी विनायक के पीछे मनप्रकमेश्वर मंदिर के पास स्थित है।
खर्व विनायक – खर्व विनायक का मंदिर राजघाट किले के बगल में स्थित है।
दुर्ग विनायक – दुर्ग विनायक का मंदिर दुर्गाकुण्ड में स्थित है।
उद्दण्ड विनायक – उद्दण्ड विनायक का मंदिर भुइली रामेश्वर में विद्यमान है।
पाशपाणी विनायक – इनका मंदिर सदर बाजार क्षेत्र में स्थित है।
सिद्धि विनायक – सिद्धि विनायक का मंदिर मणिकर्णिका कुण्ड के पास है।
लम्बोदर विनायक – लम्बोदर विनायक का मंदिर केदारघाट पर स्थित है।
कूटदन्त विनायक का मंदिर – क्रींकुण्ड पर है।
शालकण्ड विनायक – इनका मन्दिर मण्डुवाडीह पर है।
कुण्डाण्ड विनायक – कुण्डाण्ड विनायक का मंदिर फुलवरिया में है।
मुण्ड विनायक – इनका मंदिर सदर बाजार में स्थित है।
विकटद्विज विनायक – इनका मंदिर धूपचंडी क्षेत्र में है।
राजपुत्र विनायक – इनका मंदिर राजघाट किले के पास स्थित है।
प्रणव विनायक – प्रणव विनायक का मंदिर त्रिलोचन घाट पर स्थित है।
वक्रतुण्ड विनायक – वक्रतुण्ड विनायक का मंदिर लोहटिया में है।
त्रिमुख विनायक – इनका मंदिर सिगरा टीले के पास है।
पंचास्य विनायक – पंचास्य विनायक का मंदिर पिशाचमोचन स्थित है।
हेरम्ब विनायक – हेरम्ब विनायक का मन्दिर मलदहिया इलाके में है।
विघ्न हरण विनायक – इनका मन्दिर चित्रकूट इलाके में स्थित है।
वरद विनायक – वरद विनायक का मन्दिर प्रह्लाद घाट पर है।
मोदक प्रिय विनायक – इनका मन्दिर त्रिलोचन मन्दिर के पास है।
सिंहकुण्ड विनायक – इनका मन्दिर खालिसपुरा में है।
कूणिताक्ष विनायक – इनका मन्दिर लक्ष्मीकुण्ड में है।
प्रसाद विनायक – प्रसाद विनायक का मन्दिर पितरकुण्डा पर है।
पिचडिला विनायक – इनका मन्दिर प्रह्लाद घाट पर है।
उद्दण्ड विनायक – इनका मन्दिर त्रिलोचन बाजार में स्थित है।
स्थूलदण्ड विनायक – इनका मन्दिर मानमंदिर के पास है।
नागेश विनायक – इनका मन्दिर भोंसला घाट पर है।
सृष्टि विनायक – इनका मन्दिर कालिका गली में है।
यक्ष विनायक – इनका मंदिर कोतवालपुरा में है।
मंगल विनायक – मंगल विनायक बालाघाट में स्थित है।
मित्र विनायक – इनका मन्दिर सिंधिया घाट पर विद्यमान है।
मोदक विनायक – इनका मन्दिर काशी करवट मन्दिर के पास है।
प्रमोद विनायक – प्रमोद विनायक का मन्दिर CK 31/16 काशी में है।
सुमुख विनायक – विनायक का मन्दिर मोतीघाट पर स्थित है।