भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग है। काशी में यह ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर में है। नाड़ी शास्त्र के स्वर के अनुसार ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग अकार, मकार और ऊकार का सूचक है। काशी खंड के अनुसार इसी लिंग का नाम कपिलेश्वर और नादेश्वर भी है। इनके दर्शन-पूजन से सभी लिंगों की पूजा का फल मिल जाता है। वैशाख शुक्ल चतुर्दशी को इनकी वार्षिक पूजा और श्रृंगार किया जाता है। इस दौरान काफी संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं। साथ ही पूरा माहौल हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठता है।