भारत में द्वादश ज्योतिर्लिंगों में अमरनाथ जी का महत्वपूर्ण स्थान है। इनके दर्शन के लिए देश भर से श्रद्धालु जाते रहते हैं। इन्हीं के प्रतिरूप काशी में अमलेश्वर महादेव हैं। कहा जाता है कि अमलेश्वर महादेव स्वयंभू शिवलिंग हैं। इनका छोटा सा मंदिर भदैनी मोहल्ले में स्थित है। बेहद छोटे से मंदिर में स्थापित अमलेश्वर महादेव का मंदिर सड़क से करीब छः फीट नीचे है। बाहर से मंदिर गुफा की तरह लगता है। आयताकार इस मंदिर के मध्य में अमेलश्वर महादेव स्थापित हैं। इस शिवलिंग की खासियत यह है कि शिवलिंग में ही एक ओर गणेश जी तो दूसरी ओर माता पार्वती की आकृति बनी हुई है। जबकि मंदिर की दीवार पर कार्तिकेय महराज की आकृति उभरी हुई है। इस मंदिर में जाने से पूरे शिव परिवार का दर्शन एक साथ हो जाता है। कहा जाता है कि अमलेश्वर महादेव के दर्शन-पूजन से वही फल प्राप्त होता है जो अमरनाथ जी के दर्शन से होता है। इनका मंदिर हर समय दर्शन-पूजन के लिए खुला रहता है। इस मंदिर में सावन एवं महाशिवरत्रि में काफी संख्या में श्रद्धालु दर्शन-पूजन करने आते हैं। इस दौरान बाबा का श्रृंगार भी किया जाता है। वहीं प्रत्येक सोमवार को भी दर्शन-पूजन करने वालों की अच्छी संख्या रहती है। बाबा की आरती सुबह छः एवं शाम 8 बजे सम्पन्न होती है। मंदिर के पुजारी कमलेश पंडित हैं। भदैनी मोहल्ले में स्थित इस मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। मंदिर भदैनी घाट के पास है।