हिमालय के पहाड़ पर स्थित शिवलिंग का प्रतिरूप मध्यमेश्वर स्वयंभू लिंग हैं। जो काशी क्षेत्र के नाभि केन्द्र के रूप में वर्णित हैं। पद्यपुराण के अनुसार मध्यमेश्वर वह केन्द्र हैं जिसके पांच कोश लगभग 17.600 किलोमीटर वृत्त बनता है वह क्षेत्र काशी है।

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