भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बैजनाथ जी का मुख्य मंदिर बिहार में स्थित है। इस महत्वपूर्ण मंदिर में सावन माह में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। कहा जाता है कि इनका दर्शन करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और भक्त मोह माया के बंधनों से मुक्त हो जाता है। काशी में बैजनाथ जी के ही प्रतिरूप ज्योतिर्लिंग बैजनाथेश्वर महादेव हैं। इनका प्राचीन मंदिर बैजनत्था क्षेत्र में स्थित है। मान्यता के अनुसार बैजनाथेश्वर महादेव स्वयंभू हैं। इन्हीं के नाम पर बैजनत्था मोहल्ले का नाम पड़ा है। मान्यता के अनुसार बैजनाथेश्वर महादेव के दर्शन से वही फल प्राप्त होता है जो मुख्य बैजनाथ जी के दर्शन से मिलता है। बैजनाथेश्वर मंदिर का निर्माण इंदौर की महारानी अहिल्या बाई होल्कर ने करवाया था। बाद में इस मंदिर का जीर्णोद्धार श्रद्धालुओं के सहयोग से हुआ। मंदिर परिसर में ही एक कुंआ है। साथ ही परिसर में अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी हैं। इस मंदिर में बड़ा आयोजन महाशिवरात्रि एवं सावन महीने में होता है। महाशिवरात्रि के अवसर पर मंदिर में महाआरती होती है। साथ ही रूद्राभिषेक एवं मंगला आरती की जाती है। जबकि सावन महीने में इस मंदिर में जलाभिषेक करने काफी संख्या में कावंरिया आते हैं। पूरे सावन माह में मंदिर में जमकर श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए उमड़ते हैं। इस माह में बाबा का अलग-अलग ढंग से श्रृंगार किया जाता है। साथ ही प्रत्येक सोमवार को भी इस मंदिर में दर्शनार्थियों की संख्या अधिक रहती है। यह मंदिर दर्शनार्थियों के लिए सुबह 4 से दोपहर साढ़े 12 बजे तक एवं सायं 4 से रात 10 बजे तक खुला रहता है। इनकी आरती प्रातः 6 बजे दोपहर 12 बजे एवं सायं साढ़े 7 बजे सम्पन्न होती है। मंदिर के वर्तमान पुजारी राम सुबेदी हैं। यह बैजनत्था क्षेत्र में बी0 37/1 ए0 में यह मंदिर स्थित है। कमच्छा होते हुए इस मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।